Mumbai : फेसबुक लाइव में शिवसेना नेता की गोली मारकर हत्या, फिर खुद को मारी गोली Regional News

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पूर्व बीएमसी पार्षद थे अभिषेक घोसालकर अचानक हुए हमले से अनभिज्ञ घोसालकर को चिल्लाते हुए, आगे की ओर लड़खड़ाते हुए और गिरते हुए देखा जा सकता है, कम से कम एक गोली उनके सीने में और एक कंधे में लगी. कुछ सेकंड बाद मॉरिस भी कुछ मीटर दूर गया और खुद को कम से कम चार गोलियां मारीं और खून से लथपथ होकर गिर पड़ा. शिवसेना-यूबीटी के वरिष्ठ नेता विनोद घोसालकर के बेटे अभिषेक दहिसर वार्ड नंबर 7 से पूर्व बीएमसी पार्षद थे. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के दूसरे पंक्ति के प्रमुख युवा नेताओं में माना जाता था। अभिषेक की पत्‍नी, तेजस्वी ए. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव जीतने के दौरान सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब भाजपा राजनीतिक रूप से कुछ करने में सक्षम नहीं होती है, तो पीछे का दरवाजा लेती है और अपने प्रतिद्वंद्वी की पीठ पर हमला करती हैं.www.mumbai-casinos.com

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  • सोरेन ने कहा कि आंबेडकर की तरह आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्ग के लोगों को भी अब भाजपा के ‘अत्याचारों’ के कारण बौद्ध धर्म अपनाना पड़ रहा है.
  • इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष अदालत द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने की अनुमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता भाजपा के अमर बाउरी और कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के अलावा हेमंत सोरेन ने एक भावनात्मक भाषण में सदन को संबोधित किया.
  • भाजपा के अमर बाउरी ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने लोकतंत्र शब्द का खूब इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने राज्यपाल को अपना भाषण पूरा नहीं करने दिया.
  • अचानक हुए हमले से अनभिज्ञ घोसालकर को चिल्लाते हुए, आगे की ओर लड़खड़ाते हुए और गिरते हुए देखा जा सकता है, कम से कम एक गोली उनके सीने में और एक कंधे में लगी.
  • भाजपा के 29 वोटों के प्रबंधन के साथ झामुमो ने अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला करने के लिए प्रस्ताव का इस्तेमाल किया और इसे आदिवासियों को निशाना बनाना बताया.

भाजपा के 29 वोटों के प्रबंधन के साथ झामुमो ने अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला करने के लिए प्रस्ताव का इस्तेमाल किया और इसे आदिवासियों को निशाना बनाना बताया. भाजपा में हमेशा लोगों पर कार्रवाई करने की हिम्मत होती है, लेकिन केवल निर्दोष लोगों पर. गैरकानूनी काम को कानूनी तरीके से कैसे किया जाता है यह कोई बीजेपी से सीखे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष अदालत द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने की अनुमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता भाजपा के अमर बाउरी और कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के अलावा हेमंत सोरेन ने एक भावनात्मक भाषण में सदन को संबोधित किया. क्या आप पारदर्शी, निष्पक्ष भारतीय कैसीनो और गेम रिव्यू की तलाश कर रहे हैं, तो DesiCasino.in वो जगह है जहाँ आपको ये दोनों चीजें मिल सकती है! हम आपको भारतीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ऑनलाइन कैसीनो के बारे में ताजा और सटीक जानकारी देंगे, साथ ही इसके अंदर प्लेयर्स को ऑनलाइन कैसीनो बोनस की भी जानकारी देंगे.

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उन्होंने कहा कि उसी भाजपा ने, जिसने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम राज्य की कसम खाई थी, बिहार में सरकार गिरा दी थी और झारखंड में भी ‘वही कोशिश कर रही थी’. भाजपा के अमर बाउरी ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने लोकतंत्र शब्द का खूब इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने राज्यपाल को अपना भाषण पूरा नहीं करने दिया. सोरेन ने कहा कि जब भाजपा राजनीतिक रूप से कुछ करने में सक्षम नहीं होती है, तो पीछे का दरवाजा लेती है और अपने प्रतिद्वंद्वी की पीठ पर हमला करती हैं. ईडी ने एक अन्य मामले में दो बार पूछताछ करने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था, जिसमें झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी आरोपी हैं. राज्यपाल पर सीधा हमला बोलते हुए सोरेन ने बीते 31 जनवरी की उस रात को ‘देश के लोकतंत्र में काली रातों और काले अध्यायों में सबसे नई घटना’ बताया, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था. सोरेन ने कसम खाई कि अगर भाजपा ने विधानसभा में उनकी eight एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के संबंध में कोई सबूत पेश किया तो वह राजनीति से इस्तीफा दे देंगे.

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सोरेन ने कहा कि आंबेडकर की तरह आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्ग के लोगों को भी अब भाजपा के ‘अत्याचारों’ के कारण बौद्ध धर्म अपनाना पड़ रहा है. सोरेन ने हाल ही में एक मीडियाकर्मी की सोरेन पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में कहा कि सामंती मानसिकता वाले लोग कहते हैं कि आदिवासियों को जंगल में रहना चाहिए. उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा झारखंड सरकार के कामकाज के 32 पेज पढ़ने की भी आलोचना की और कहा कि जब वहां लोकतंत्र नहीं है तो इसका कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि समय सबसे बलवान होता है और एक समय फिर आएगा जब वह फिर से विधानसभा अध्यक्ष के सामने खड़े होंगे. भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी से ठीक पहले उनके द्वारा चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के कारण विश्वास मत की आवश्यकता थी.